विक्रमी सवंत्सर का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होता है और उसके आठ दिन बाद चैत्र शुक्ल नवमी को आती है रामनवमी यानी श्रीराम जन्मोत्सव। रामनवमी भगवान राम की स्मृति को समर्पित है। राम सदाचार के प्रतीक हैं, इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया। उन्हें श्रीविष्णु का अवतार भी माना जाता है, जो पृथ्वी पर अजेय रावण से युद्ध लड़ने
via जागरण धर्म समाचार
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