योग लगन ग्रहवार तिथि सकल भये अनुकूल चर अरु अचर हर्ष युत राम जनम सुख मूल। राम जन्म का प्रसंग निरूपित करती रामचरितमानस की यह पंक्ति राम जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर साकार प्रतीत हो रही है। नगरी की परिधि में लाखों-लाख श्रद्धालु दाखिल हो चुके हैं और सबके चेहरे पर राम जन्मोत्सव की शुभ घड़ी की प्रतीक्षा का उल्लास झलक रहा है।
via जागरण धर्म समाचार
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