सनातन धर्म में अक्षय तृतीया पर्व का महत्व निराला है। इस दिन किये गये दान-पुण्य का अक्षय लाभ लेने को देवता भी लालायित रहते हैं। ब्रज के प्राचीन सप्तदेवालयों में अक्षय तृतीया उत्सव की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। मंदिर, मठ और आश्रमों में कई टन चंदन का प्रयोग ठाकुरजी के सवरंग दर्शन के लिए होगा। इसके लिए सेवायत और मंदिर कर्मचार
via जागरण धर्म समाचार
http://ift.tt/1ix7Jv5
0 comments:
Post a Comment