अक्षय यानी जिसका क्षय न हो, जो अक्षुण्ण रहे। 'भविष्य पुराण' के अनुसार इस दिन किए गए पुण्य कर्म के साथ-साथ सभी कर्मो का फल अक्षय हो जाता है। इस दिन विशेष कामनाओं की पूर्ति के लिए की गई साधनाएं शीघ्र एवं स्थाई फल देने वाली कही गई हैं। यूं तो सभी 12 महीनों की शुक्ल पक्षीय तृतीया शुभ होती है, किंतु बैसाख की यह तिथि स्वयंसि
via जागरण धर्म समाचार
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