वेदों से हमें ज्ञान प्राप्त होता है, लेकिन वेदना हमारे भीतर विवेक जाग्रत करती है। इसलिए जीवन को बेहतर बनाने के लिए संवेदना का उदय आवश्यक है। कथावाचक मोरारी बापू का चिंतन.. लोग कहते हैं कि जहां पैसा होता है, वहां संवेदना नहीं होती। यह कोई सूत्र या सिद्धांत नहीं है। यदि जीवन म
via जागरण संत-साधक
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