आचमन सभी प्रकार के कमरें यानी सद्कर्म और निष्काम कर्म का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि आरोग्य शास्त्र की दृष्टि से भी आचमन को महत्वपूर्ण माना गया है। आचमन की एक रोचक बात यह है कि यदि आप गलती से असत्य बात बोल जाएं तो आचमन अवश्य करना चाहिए। ऐसे में असत्य भाषण का कुपरिणाम नहीं होता। मनुस्मृति में क
via जागरण धर्म समाचार
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