कांगड़ा में बज्रेश्वरी देवी मंदिर में लाखों-करोड़ों रुपए की चांदी चढ़ाई जाती है, एक दिन ऐसा भी था जब चांदी बेचकर घृत मंडल( घी का प्रसाद) बनाया जाता था। कहते हैं कि 50 साल पहले मंदिर के पुजारियों को देसी घी के लिए मंदिर की चांदी को बेचना पड़ता था, जिससे घृत पर्व का आयोजन हो सके। प्राचीन काल से शुरू हुई घृत पर्व की परंपर
via जागरण धर्म समाचार
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