केदारनाथ यात्रा के अंतिम पड़ाव गौरीकुंड का गर्म व ठंडे कुंडों के बिना कोई महत्व नहीं है। इन कुंडों की पौराणिक एवं आधुनिक महत्ता सदियों से चली आ रही है, लेकिन आपदा के बाद अभी तक कुंड का जीर्णोद्वार नहीं हो पाया है। इन कुंडों का निर्माण माता पार्वती ने अपने तप से किया था। गत वर्ष जून माह में आई दैवीय आपदा में गौरीकु
via जागरण धर्म समाचार
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