चमोली जिले का द्रोणागिरी गांव हनुमान जी से आज तक नाराज है। उन्हें मलाल है तो इतना कि लक्ष्मण की जिंदगी बचाने के लिए संजीवनी की तलाश में आए पवन पुत्र जड़ी की बजाए द्रोणागिरी पर्वत का एक हिस्सा लेकर ही लंका चले गए। दो युग बीत गए, लेकिन वे हनुमान के इस 'कृत्य' को भुला नहीं पाए। नाराजगी इस हद तक है कि गांव में रामलीला का
via जागरण धार्मिक स्थान
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