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Friday, June 13, 2014

ढाई आखर प्रेम का..

संत कबीर के अनुसार, विद्वान होने के लिए मोटी-मोटी पोथियां पढ़ने की नहीं, बल्कि खुद से, खुदा के बंदों से प्रेम करने की जरूरत है। यही पूजा है और यही परमात्मा से मिलन। संत कबीर जयंती (13 जून) पर आलेख.. धर्म के बारे में एक बेहद संजीदा सवाल अक्सर लोगों के मन में उठता है कि 'यह




via जागरण संत-साधक

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