एक साल पहले। तीन दिन से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही थी। उच्च हिमालयी क्षेत्र में भी, जहां आमतौर पर बादलों के बरसने की उम्मीद नहीं की जाती। लेकिन, वह बरस रहे थे। साथ ही टूटकर नीचे आ रहे थे एवलॉन्च यानी हिमखंड। केदारनाथ धाम से आठ किमी ऊपर सदियों से शांत गांधी सरोवर (चौराबारी ताल) लबालब हो चुका था। असहनीय होने
via जागरण संत-साधक
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