दशलक्षण पर्व की समाप्ति के ठीक एक दिन बाद क्षमावाणी पर्व मनाया जाता है। श्वेतांबर जैन परंपरा में इसे संवत्सरी के नाम से पुकारते हैं, तो दिगंबर परंपरा के अनुयायी इसे 'क्षमापर्व' या 'क्षमावाणी पर्व' कहते हैं। इस दिन प्रत्येक से अपने जाने-अनजाने अपराधों के प्रति क्षमा याचना
via जागरण संत-साधक
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