पितृ पक्ष में पिंड दान वैदिक परंपरा का अभिन्न अंग है पर विरक्त संतों में इस परंपरा के प्रति गृहस्थों जैसी प्रतिबद्धता नहीं है। उनकी मान्यता है कि घर-बार के साथ उन्होंने पितरों को त्यक्त कर परम पिता से नाता जोड़ लिया है और ऐसे में पितरों के लिए पिंड दान का औचित्य नहीं रह जाता। साथ ही वे अपनी उपासना धारा के पूर्ववर्तियों के लि
via जागरण धर्म समाचार
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