प्रणाम का सीधा संबंध प्रणत शब्द से है, जिसका अर्थ होता है विनीत होना, नम्र होना और किसी के सामने सिर झुकाना। प्राचीन काल से प्रणाम की परंपरा रही है। जब कोई व्यक्ति अपने से बड़ों के पास जाता है, तो वह प्रणाम करता है। हर व्यक्ति की कामनाएं अनंत होती हैं। कैसी कामना लेकर वह व्यक्ति अपने से बड़ों के पास गया है, यह उस व्यक्ति पर निर्भर
via जागरण संत-साधक
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