'गयाजी' के 'प्रभाष क्षेत्र' में उत्तरमानष वेदी अवस्थित हैं। प्राचीन 'गयाजी' के उत्तर दिशा में उत्तर मानष हैं। धार्मिक मान्यता है कि उत्तरमानष वेदी एवं अंतसलिला फल्गु नदी के पितामहेश्वर घाट पर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति एवं मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर किए गए कर्मकांड के बाद यजमान मौन व्रत धारण कर पंच तीर्थ के अन्य चार वेदियो
via जागरण धर्म समाचार
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