ईश्वर की अदृश्य उपस्थिति को जानने के लिए हमें ईश्वर से प्रेम करना होगा। दिव्य पुरुष वह है जो उन्हें खोज लेता है। दिव्य पुरुष उस परमात्मा का बोध रखता है जो हमारे अंतस में विद्यमान है। उसे बोध रहता है उस परमशक्ति का जो सभी शक्तियों के पीछे कार्य कर रही है। वास्तव में हम ईश्वर को हर समय देखते रहते हैं।
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-love-the-way-11700.html
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