बनारस में होते हुए भी अगर आप देर तक सो रहे हैं तो समझें बहुत कुछ खो रहे हैं। खो रहे हैं वह सब कुछ जिसे आप के पास होना ही होना था। जिसके लिए आपका शहर सारी दुनिया में जाना जाता है। जी हां हम बात कर रहे हैं सुबहे बनारस के उन चटख रंगों की जिन्हे अंकवार में समेट लेने के अवसर से आप वंचित रह गए हैं। सो नई पीढ़ी को मनुहार
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-kashi-yatra-10356733.html
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