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Friday, May 31, 2013

आत्मा का भोजन है सत्संग, स्वाध्याय व संध्या

जीवन को समुन्नत बनाने और सुधारने के लिए सत्संग मूलाधार है। जीवन के उद्देश्य की प्राप्ति में सत्संग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। सत्संग क्या है? इस संसार में तीन पदार्थ- ईश्वर, जीव और प्रकृति- सत हैं। इन तीनों के बारे में जहां अच्छी तरह से बताया जाए, उसे सत्संग कहते हैं। श्रेष्ठ और सात्विक जनों का संग करना, उत्तम पुस्तकों का सत्संग, पवि˜



via जागरण धर्म समाचार

http://www.jagran.com/spiritual/religion-satsang-is-the-food-of-the-soul-selfeducation-and-eve-10439405.html

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