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Tuesday, August 13, 2013

मोहक छवियों से ही निरखेंगे वह कथा राम की

सोलहवीं संवत के उत्तरार्ध में जब गोस्वामी तुलसीदास जी रामचरित मानस के उपसगरें की रचना कर रहे थे, सनातन समाज की स्थिति लगातार दुर्बल होती जा रही थी। ऐसे में समाज को सबल और जागृत बनाने के उद्देश्य से गोस्वामी जी ने रामशलाका के लेखन (संवत 1655) से लेकर अपने देहावसान काल के बीच काशी के टोलों मोहल्लों में अपनी कथा के शौ



via जागरण धर्म समाचार

http://www.jagran.com/spiritual/religion-nirkenge-stunning-images-from-the-legend-of-rama-10643369.html

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