मानव जीवन का वास्तविक लक्ष्य क्या है? जीवात्मा अनादिकाल से प्रकृति के प्रवाह में अणु-रूप में नानाविध शरीर धारण करते हुए काल की गति से बह रहा है। मोक्ष की कामना को भटक रहे मानव के लिए सनातन धर्म में भक्ति को विभिन्न देवताओं की पूजा के अलग-अलग विधान हैं। भागते-दौड़ते जीवन में प्रभु को जल्द से जल्द प्राप्त करने की सभी की कामना रहती
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-shiva-means-welfare-10643450.html
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