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Wednesday, August 14, 2013

'छोटे बम' का भारी जमघट

बोल-बम का जयघोष और 'केतना दूर हौ हो भोले बाबा क मंदिरवा.'। 'अरे यार बगले में हौ, आवा अबहीं गंगा में नहायल जाय ओकरे बाद न बाबा धाम में जल ढारल जाइ.'। बाल कांवरियों के कुछ ऐसे ही उद्गार काशी की गलियों-सड़कों पर गूंज रहे हैं। ये बोल बम, बोल बम का उद्घोष करते बाबा का पांव पखारने काशी आ रहे हैं। लक्सा स्थित



via जागरण धर्म समाचार

http://www.jagran.com/spiritual/religion-massive-swarm-of-small-bol-bombs-10646335.html

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