मोरा छाड़ि दे अचरवा मै तो न्यारी झूलूंगी। यह बोल हैं सिद्ध संतों में अग्रगण्य स्वामी युगलान्यशरण की तपोस्थली आचार्यपीठ लक्ष्मणकिला में चल रहे झूलनोत्सव के। यहां लकड़ी के झूले पर विराजमान देवविग्रहों की प्रसन्नता के लिए महंत मैथिलीरमण शरण की देखरेख में देर रात तक उत्सव चल रहा है। गायक विनोद शरण व तबला वादक रोहित कुमार
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-up-utsav-in-ayodhya-10646342.html
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