स्वभाव का सूत्र यह है कि हम अपनी प्रकृति को स्वीकार करें। बुरी आदतों पर जब तक ध्यान देते रहेंगे, वे मिटेंगी नहीं। अपने ध्यान को रूपांतरित करने का प्रयास करें। बुरी आदतों से मुक्ति का यही उचित तरीका है। ओशो का चिंतन.. एक तपस्वी सिर्फ आदत बनाता है तप की। लेकिन सही त
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-oshos-musings-the-nature-of-the-formula-10695262.html
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