आत्मा परमात्मा का अंश है। मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार को आत्मा में लय कर देना ही योग है। इस प्रकार योग अंतर्जगत की यात्रा है। इसमें साधक को अपने भीतर उतरना होता है। वह भीतर और भीतर उतरता चला जाता है वह। फिर एक दिन वह क्षण आता है जब उसकी आत्मा प्रकाश से प्रकाशित हो उठती है। उसका अज्ञान नष्ट हो जाता है। आत्मा शरीर, मन और बु
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-soul-is-part-of-god-10829046.html
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