रोशनी के त्योहार पर आतिशबाजी का समय तय है। दस के बाद बस, यानि रात दस बजे के बाद कोई आतिशबाजी न हो, ताकि कहीं शहर के सुकूं में खलल न पड़े। मगर, आतिशबाजी की रात्रि दस बजे की समय सीमा की धज्जियां उड़ती हैं और पूरे रात होने वाले धमाके हवाओं में 'जहर' घोलते रहते हैं। दीपावली के त्योहार पर आतिशबाजी का सिलि
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-dipavli-just-after-ten-10829133.html
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