देवी-देवताओं के चित्र और मूर्तियां मात्र पूजा-पाठ के लिए नहीं बनाए गए। ये हमें कर्मप्रधान बनाने की शिक्षा भी देते हैं.. समान्यत: लोगों को बचपन से सिखाया जाता है कि मंदिर जाओगे, जोत जलाकर धूपबत्ती करोगे तो भगवान से जो मांगोगे, वे दे देंगे। उन्हें कर्म प्रधान बनने के बारे मे
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-goddess-mere-worship-of-gods-images-10833602.html
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