प्रख्यात कथावाचक जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्यजी महराज ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की कथा हो या भागवत पुराण की, केवल अनुश्रवण ही नहीं उसे जीवन में उतारना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कथाओं का श्रवण व पाठ दोनों ही राष्ट्र व समाज हित के द्योतक हैं। वे रामपुरसर्धा स्थित ग्रामोदय ग्रुप ऑफ इंस्ट
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-not-only-important-to-follow-the-hearing-sdktha-10833638.html
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