शारदीय दुर्गा नवरात्रि के समाप्त होते ही शरद ऋतु का स्वागत उत्सव शुरू हो जाता है। यानि शरदोत्सव को मनाने का क्रम शुरू हो चुका है। शरद पूर्णिमा को उत्सव व परंपरा के रूप में ढालने वाले सर्वप्रथम कृष्ण हीं थे। जिन्हें संभवत: तभी से एक और नाम मिल गया - रासाचारी कृष्ण का। आज इस रासाचारी शब्द को भले ही अन्यथा संदभरें में दे
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-shardiy-welcome-autumn-festival-of-navratri-is-depleted-10812005.html
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