Loading...
Wednesday, October 16, 2013

सुख-दुख का अहसास

एक हास्य कवि थे। जब कविता सुनाते तो लोग हंसते-हंसते लोटपोट हो जाते। उनका एक मित्र हर वक्त अपने दुखों का जिक्र करता रहता था, इसी कारण वह बेहद दुखी रहता था। उसे हास्य कवि के पास आकर अच्छा लगता था, क्योंकि उनकी हास्यपूर्ण कविताओं को सुनकर वह कुछ देर के लिए अपने गम भूल जा



via जागरण धर्म समाचार

http://www.jagran.com/spiritual/religion-well-feel-the-pain-10798191.html

0 comments:

Post a Comment

 
TOP