यह विदाई का दिन है। चार दिन तक मां भगवती बेटी के रूप में अपनों के बीच रही। खूब उल्लास मना। ढाकी की तान पर धूनोनाच में पूरी द्रोणनगरी थिरकती रही। बावन व्यजंनों की भीनी-भीनी महक से पूरा वातावरण महकता रहा। पता ही नहीं चला कि कब विदाई की घड़ी आ गई। यह ऐसा मौका है, जब सजल नेत्रों से गुलाब झर रहे है
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-riddhi-siddhi-mother-was-granted-leave-10796288.html
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