नवासा-ए-रसूल हजरत इमाम हुसैन की याद में महानगर में निकाले गए ताजियों में दस्तकारी और रोशनी का बेजोड़ संगम रहा। अंडेवालान, बारादरी का पंखा, पीरगैब का हूरों का ताजिया, किसरौल का सरसों का ताजिया, कटघर की जोड़ी मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। सभी ताजियों को कर्बला में दफ्न कर दिया गया। यौमे आशूरा पर कर्बल
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-tajia-hussein-buried-with-or-sadaon-10865841.html
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