संतों के लिए ब्रजधाम के कण-कण में भक्ति की मणि हैं। यहां बसी राधा-कृष्ण की यादों की सुगंध जब हवा में घुलकर चारों दिशाओं को महकाती है तो न जाने कौन-कौन भक्ति में डूबे भंवरे की तरह चले आते हैं। इसी महक से ही निकली अगाध श्रद्धा जगदगुरु कृपालु महाराज को भी ब्रज में खींच लाई। यहां कदम रखने के साथ वह बृषभान की लली र
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-please-drop-by-the-power-of-religion-10865869.html
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