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Monday, November 25, 2013

पितरों के नाम समर्पित है रजक समुदाय का यह सबसे बड़ा उत्सव

बुढ़वा मंगल, बिरहा दंगल, लोटा-भंटा मेला फिर मड़ुआडीह के 'भेला' में सैलानियों का रेला। जी हां मेले-ठेले, उत्सव ही तो काशी को जीवंतता देते हैं। काशी में अनेक उत्सव होते रहते हैं जिनसे हमारी संस्कृति जीवित हैं। कभी बहरी अलंग में अहरा लगाना तो कभी अंवरा तले पूड़ी हलवा और घुघनी खाना। मस्त अंदाज वाले इस अनोखे शहर की अ




via जागरण धर्म समाचार

http://www.jagran.com/spiritual/religion-the-name-of-the-fathers-of-the-communitys-largest-festival-dedicated-lava-10887773.html

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