श्रीमद्भगवद्गीता के बारहवें अध्याय के तेरह से बीस श्लोकों में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से भक्त के पैंतीस गुणों की चर्चा की है। उन सब गुणों में सबसे पहला गुण है - अद्वेष्टा सर्वभूतानाम अर्थात मेरा भक्त वह है, जो किसी भी प्राणी से द्वेष नहीं करता। इसका मतलब यह हुआ कि यदि आप एक
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-the-devotee-not-to-hate-10887640.html
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