भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में मंगलवार को द्वापर युग का नजारा था। कंस का वध करने को माथुर- चतुर्वेदी समाज का बच्चा- बच्चा तक उतावला था। सभी के हाथों में सजीली लाठियां थीं। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि कंस इस समाज के लोगों से अपनी जान बख्शने की भीख मांग रहा हो। वहीं यह समाज अत्याचारी राजा के आतंक से मुक्ति दिलाने को उतावला हो र
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-kill-kans-festival-10858914.html
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