शहीद-ए- आजम हजरत इमाम हुसैन की याद में मोहर्रम की सातवीं तारीख पर जगह-जगह ताजिए रख दिए गए। जिनके समक्ष अकीदत पेश करके सलामती और अमन, चैन की दुआएं मांगी गईं। शहर का फूलों का ऐतिहासिक ताजिया पाय चौकी के कटरा दबकियान में रखा गया, जिसके समक्ष दुआएं मांगने का सिलसिला शुरू हो गया। मंगलवार देर रात तक करीब
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-moharram-tears-or-on-your-lips-hussain-10858918.html
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