चार माह तक शयन कर रहे देव बुधवार को जागे। देवोत्थान एकादशी पर मंदिरों में तुलसी- सालिगराम का विवाह हुआ। महिलाओं ने दिन भर व्रत रखा। शाम को पूजन कर देवों को जगाकर भोग लगाया। मांगलिक कार्य भी शुरू हुए और शहनाई गूंजी। कार्तिक के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान एकादशी मनाई जाती है। माना जाता है कि आषाढ
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-dev-awareness-program-on-the-auspicious-ekadasi-began-devotthan-10861368.html
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