आषाढ़ मास से ही योग निद्रा में चल रहे संसार के पालनकर्ता भगवान विष्णु ने सृष्टि के नियमानुसार बुधवार को पड़ी कार्तिक मास की देवोत्थान एकादशी को अपनी योगनिद्रा त्याग दी। प्रभु के जागरण के साथ ही प्रकृति ने भी भरपूर अंगड़ाई ली। नए मौसम, नई फसलों,नए पत्र-पुष्पों और नई ताजगी का उपहार श्री हरि के चरणों में अर्पित कर अपनी
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-haris-attention-and-cane-eleventh-newan-10861381.html
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