प्रणाम करना एक सम्मान है, एक संस्कार है। प्रणाम करना एक यौगिक प्रक्रिया भी है। बड़ों को हाथ जोड़कर प्रणाम करने का वैज्ञानिक महत्व है। संस्कृत मनीषी पंडित चंदनलाल पाराशर ने बताया कि बड़ों को हाथ जोड़कर प्रणाम करने का वैज्ञानिक महत्व है। उन्होंने बताया कि दाहिना हाथ आचार (धर्म) और बायां हाथ विचार (दर्शन) का होता है
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-what-is-the-significance-of-prostration-10877745.html
0 comments:
Post a Comment