उज्जैन। हमें धर्म शास्त्रों का अध्ययन अनिवार्य रूप से करना चाहिए, क्योंकि जीवन जुड़े रहस्यों को समझने के लिए ग्रंथों का अध्ययन सर्वश्रेष्ठ उपाय है। प्राचीन काल से ही विद्वानों द्वारा इनके अध्ययन की सलाह दी जाती रही है। विशेषकर गर्भवती स्त्रियों को घर के बड़े-बुजुर्गों द्वारा कहा जाता है कि वे धर्म ग्रंथ पढ़ें। गर्भवती स्त्रियों को शास्त्र पढऩे की सलाह इसलिए दी जाती है, क्योंकि ग्रंथों से उनके गर्भ में पल रहे शिशु का ज्ञान भी बढ़ता है। विज्ञान के अनुसार गर्भ में पल रहा शिशु भी सोचता-समझता और सभी आवाजों को सुनता भी है। इसीलिए नवजात शिशु में सुसंस्कार का विकास हो इस उद्देश्य से गर्भवती महिला को धर्म ग्रंथ पढऩा चाहिए। आगे दिए गए फोटो में पढ़िए महाभारत का एक खास उदाहरण, जिसमें गर्भ में पल रहे शिशु ने भी महत्वपूर्ण ज्ञान प्राप्त किया था...
via Dainik Bhaskar
http://religion.bhaskar.com/article/AK-parampara-know-the-important-tradition-about-pregnant-woman-4467130-NOR.html
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