आज की आपाधापी भरी जिंदगी में व्यक्ति के मन में नकारात्मक भाव भरे हुए हैं। इसके विपरीत सुख, प्रेम, करुणा, दया और परोपकार जैसे सकारात्मक भाव तेजी से लुप्त होते जा रहे हैं। हर व्यक्ति केवल स्वयं की सुख-सुविधा पर ध्यान देता है। प्राचीन काल से जारी अनेक ऐसी गतिविधियाें का आज भी महत्व है जो व्यक्ति को सुख व आनंद प्रदान करती हैं। यदि
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-spirituality-happiness-and-joy-in-life-expands-10944110.html
0 comments:
Post a Comment