Loading...
Friday, December 20, 2013

स्वामी विवेकानंद का चिंतन..दुख सबसे बड़ा शिक्षक

चरित्र को एक विशिष्ट ढांचे में ढालने में अच्छाई और बुराई दोनों की ही समान भूमिका रहती है। दुख कभी-कभी तो सुख से भी बड़ा शिक्षक हो जाता है। स्वामी विवेकानंद का चिंतन.. कर्म शब्द 'कृ ' धातु से निकला है। कृ धातु का अर्थ है- करना। जो कुछ किया जाता है, वही कर्म है। इस शब्द का पारिभाष्ि




via जागरण संत-साधक

http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-swami-vivekanandas-musings-suffering-the-greatest-teacher-10948877.html

0 comments:

Post a Comment

 
TOP