अगर आपको परमात्मा की कृपा मिलती है तो आपके व्यक्तित्व का रूपांतरण हो सकता है। प्रेम आप पिता से करें, मां से करें या परमात्मा से करें, प्रेम तो प्रेम है। आप ठंडा पानी पीकर अपना मन शांत करें या मरुभूमि में फेंक दें, इससे पानी को कोई अंतर नहीं पड़ता। पानी तो जहां जाएगा वहीं अपना काम करेगा। इसके बावजूद एक बात स्पष्ट है कि प
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-love-is-love-10948897.html
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