तारीखों के बदलने के साथ फिर नया साल आ गया। समय के पहिए के साथ दिन, महीने और साल गुजरते जाते हैं और जीवन का कारवां चलता रहता है। वक्त ही तो है जो पुराने को ले जाता है और नए को लाता है। ऐसे ही वर्ष 2013 भी खट्टी-मीठी यादों के साथ बीत गया और वर्ष 2014 ने दस्तक दे दी।
via Web Dunia
http://hindi.webdunia.com/religion-hindu/ऐसे-करें-नववर्ष-का-स्वागत-1131231030_1.htm
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