करीब डेढ़ हजार बीघे में फैला माघ मेला क्षेत्र मरुस्थल सा नजर आ रहा है। बिजली के खंभों और आधे-अधूरे पीपे के पांच पांटून पुलों के अलावा वहां कुछ भी दिखायी नहीं देता। चल रहे धूल के तेज थपेड़ों के बीच आपका पैर किस चकर्ड प्लेट के बीच फंस जाए, अंदाजा नहीं लगा सकते। ऐसी ढेरों समस्याएं हैं, जिनका निदान होता नहीं दिखायी
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-desert-seems-magh-mela-area-10973256.html
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