विवाह दो आत्माओं के मिलन का महापर्व है। विवाह न केवल आध्यात्मिक बंधन है, बल्कि एक सामाजिक और उससे अधिक दो लोगों के बीच एक व्यक्तिगत बंधन भी है। विवाह का मतलब दो व्यक्तियों का एक हो जाना है। दोनों व्यक्ति एक-दूसरे में विसर्जित हो जाते हैं और इनमें किसी तरह का अलगाव नहीं रह जाता, क्याेंकि दोनों अभी तक अपूर्ण थे और जब उनका विवाह संप
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-mahaparva-marriage-is-the-union-of-two-souls-10973199.html
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