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Wednesday, January 1, 2014

जीवन जीने की कला: नव-ऊर्जा नवीनता की

नए वर्ष को यदि सकारात्मकता के साथ जिएंगे, तभी हम नूतनता की नव-ऊर्जा को पूरेपन के साथ अनुभव कर पाएंगे। आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्रीश्री रवि शंकर के विचार.. उत्सव व उत्साह में हमेशा नयापन होता है। हमारे शरीर में नयापन हर क्षण हो रहा है, क्योंकि शरीर में हर अणु बद




via जागरण संत-साधक

http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-art-of-living-new-energy-innovation-10975392.html

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