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Tuesday, January 7, 2014

बाहु-बाहु गोबिंद सिंह, आपे गुर चेला

शमेश पिता साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी सर्ववंश दानी, संत सिपाही, महान योद्धा, सफल नेतृत्वकर्ता, सामाजिक आध्यात्मिक-राजनीतिक चिंतक, श्रेष्ठ साहित्यकार, बहुभाषी विद्वान, दया-क्षमा-प्रेम-विनम्रता परोपकार आदि उच्च मानवीय गुणों के मूर्तरूप, शरणदाता आदि सद्गुणों से विभूषित एक संपूर्ण व आदर्श व्यक्तित्व थे। इनके 'विद्या दरबार' में शामिल 52 कवियों




via जागरण धर्म समाचार

http://www.jagran.com/spiritual/religion-arm-the-brachial-gobind-singh-disciples-mind-tricks-10990659.html

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