सौ साल पहले देहरादून की होली बेहद उल्लास भरी हुआ करती थी। खासतौर पर शमशेरगढ़ और बालावाला में झुम्मालाला का ढप वादन तरंगे पैदा कर देता था। सफेद कुर्ता-पायजामा और टोपी पहनकर होल्यार घर-घर जाते थे। खासतौर पर देहातों में 'देहरे की होली' प्रसिद्ध थी। होल्यार घर-घर जाकर होली गाते और लोग गुड़ की भेली देते थे।
via जागरण धर्म समाचार
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