चिंतामणि पाश्र्र्वनाथ मंदिर मुगलकालीन है। इसकी स्थापत्य कला देखने से इसका अहसास होता है। जैन साहित्यकार पं.बनारसीदास शाहजहां के सलाहकार थे। ये दोनों इस मंदिर में शतरंज खेला करते थे। वह चौपड़ और साहित्यकार की साधना स्थली आज भी मंदिर में सुरक्षित है। ताजगंज के चिंतामणि पाश्र्र्वनाथ दिगं
via जागरण धार्मिक स्थान
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